नयी दिल्ली . जमीन और पानी के लोभी देश चीन ने भारत के अभिन्न अंग- अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों का नामकरण संस्कार आयोजित कराया और अपने मन से उन जगहों के नए नाम रख दिए।
ये तो वही बात हो गयी कि आप अपने पड़ोस के हलवाई रामप्रवेश के लड़के छोटन को अचानक से जोसफ कहना शुरू कर दो। इससे छोटन हालेलूईया तो नहीं बोलेगा। वो तो हलवा और लोईया की ही बात करेगा। लेकिन चीन के लालच का कोई अंत थोड़े है।
बहरहाल भारत ने इस घटना पर सख्त रुख दिखाया है और विदेश मंत्रालय ने इसका खंडन कर दिया है लेकिन हमारे गुप्त सूत्रों से पता चला है की सिग्मा कुल शिरोमणि, माननीय विदेशमंत्री श्री इस जयशंकर जी ने इस बार चीन को उसी की भाषा में जवाब देने की ठानी है।
पता चला है की अब चीन को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में शामिल करने की तैयारी चल रही है और समूचे चीन को दिल्ली से कनेक्ट करने को बात की जा रही है। चीन की जमीन पर कब्जे के लिए दिल्ली से कई बड़े प्रॉपर्टी डीलर इस समय विदेश मंत्रालय के संपर्क में है।
ऐसे ही एक डीलर सनी त्यागी से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा की – हाँ जी बात चल रही है, अब दिल्ली में जमीन कहा है? और चीन कौन सा दूर है। लोग गुड़गांव से और नॉएडा से आ जाते है डेली जॉब करने, तिब्बत और बीजिंग से भी आ जायेंगे। बस मेट्रो बन जाये , हमने तो जमीन भी देख ली है कब्जे के लिये ” आँख मरते हुए सनी ने बताय।
खबर ये भी है की दिल्ली मेट्रो ने इस बारे में अपना प्लान विदेश मंत्रालय को दे दिया है। इसके अनुसार राजीव चौक से नयी चितकबरी लाइन तिब्बत, बीजिंग, झेजियांग और रूस बॉर्डर को जोड़ेगी। अब देखना ये है की चीन इस खबर पर क्या रुख अपनाता है और क्या दिल्ली के मशहूर प्रॉपर्टी डीलर बिना किसी विवाद के चीन की जमीन पर कब्ज़ा कर पाते है।