नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने कोरोना के बाद आयी नयी नवेली बीमारी ‘ब्लैक फंगस’ और उसकी खालाजान ‘वाइट फंगस’ को गंभीरता से लेते हुए इसे महामारी एक्ट के तहत एक सूचनीय बीमारी घोषित किया है जिसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को अवश्य देनी पड़ेगी। लेकिन इसके साथ ही केंद्र सरकार ने एक और निर्देश जारी किया है। जिसे पढ़ कर राज्य सरकारों के होश उड़ गए है।
इस नए निर्देश के तहत सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक काली स्लेट पर सफ़ेद चाक से “ब्लैक फंगस आ रहा है ” कम से कम पचास बार लिखने और उस स्लेट को कैबिनेट सेक्रेटरी को तुरंत भिजवाने को कहा है। इसके पीछे केंद्र सरकार का तर्क है कि ये मुख्यमंत्री बार बार चेतावनी देने के बावजूद आखिर में यही कहते है कि “हमें तो किसी ने बताया ही नहीं ! अगर बाई चांस कोई बता देता तो फिर हम फलाना और ढिमकाना व्यवस्था कर देते“
केंद्र सरकार के अनुसार स्लेट पर लिखने के दो फायदे है। पहला तो पचास बार लिखने से ये बात मुख्यमंत्रियों को याद रह जाएगी और फिर ये अपने-अपने राज्यों में ब्लैक फंगस से निपटने की तैयारी कर सकेंगे। दूसरा केंद्र सरकार के पास भी इस बात का सबूत रहेगा कि वक्त रहते इन लोगो को चेतावनी दे दी गयी है।
स्वास्थय सेक्रेटरी ने हमारे संवाददाता को आगे बताते हुए कहा कि -” कोरोना की दूसरी लहर पर हमने मुख्यमंत्रियों को सारे मीटिंग में जोर जोर से चेताया। पचीसों नोटिस ,सर्कुलर और मेमो भेजे लेकिन आखिर में राज्य सब भूल गए और दूसरी लहर आने पर हाँथ फैला के और नंगे हो के खड़े हो गए। स्लेट पर लिख-लिखकर बच्चे सदियों से चीजे रटते आ रहे है टाइम टेस्टेड फार्मूला है शायद काम आ जाये “
“अब अगर किसी ने बोला कि ब्लैक फंगस के बारे में हमें तो किसी ने बताया ही नहीं तो उसी की स्लेट फेक के मारेंगे ” स्वास्थय सेक्रेटरी ने गुस्से से फुफकारते हुए कहा। हम इस खबर पर पूरी नजर बनाये रखेंगे और हर जानकारी आप तक पहुंचाते रहेंगे |