नई दिल्ली. कई बार ऐसा होता है कि खुले पैसे ना होने की वजह से कुछ दुकानदार ग्राहक को बचे हुए पैसे लौटने की बजाय उन पैसो की टॉफ़ी या चॉकलेट दे देते है जिन्हे ग्राहक भी मान मारकर ले लेते है | वैसे तो इसमे सबका फ़ायदा होता है दुकानदार की चॉकलेट्स की बिक्री हो जाती है, सिक्को की जगह चॉकलेट्स होने से हमारी जेबों से छन-छन की आवाज़ नही आती और बच्चो का भी भला हो जाता है क्योकि उन्हे चॉकलेट्स मिल जाती है| लेकिन इस समय खुले पैसो की तंगी के दौरान दिल्ली के एक कॉलेज के कैंटीन मे एक ऐसी घटना हुई कि लोग आश्चर्यचकित रह गये|
21 वर्षीय मोंटी दिल्ली के एक कॉलेज मे बी ए प्रथम वर्ष के छात्र है और रोज सुबह का नाश्ता कॉलेज की कैंटीन मे करते है मोंटी ने हमेशा की तरह अपना नाश्ते का ऑर्डर दिया जो कि लगभग Rs. 190 का होता है और 200 रुपये देने पर रोज उन्हे 10 चॉकलेट मिलती थी लेकिन इस बार मोंटी ने दुकानदार तबरेज़ भाई को Rs. 2000 का नया नोट पकड़ा दिया| व्यस्त तबरेज़ भाई ने अपना गल्ला देखा तो उसमे खुले रुपये ही नही थे मोंटी के पैसे वापस माँगने पर उन्होने आदत से मजबूर हो कर चॉकलेट बॉक्स मे हाथ डाला और एक मशीन की तरह खुले पैसो की जगह चॉकलेट देना शुरू कर दिया इस बीच जब मोंटी का ध्यान उधर गया तब तक तबरेज़ भाई 1500 चॉकलेट निकल चुके थे और पूरे दुकान मे चॉकलेट बिखरी पड़ी थी |
दुकानदार ने माना कि खुले ना होना, व्यस्तता और रोज की आदत होने की वजह से उससे ये ग़लती हो गई बहरहाल अब चॉकलेट को अंदर रखना संभव नही था और इसी बीच एक जानकार और ज्ञानी आदमी ने कहा कि – “डब्बे से निकली टॉफी,पैकेट से निकले कुरकुरे, और शैशे से निकले शैम्पू को वापस अंदर नही डालना चाहिए अपशकुन होता है! ” फिर मोंटी ने चॉकलेट की गिनाई शुरू की और पूरी 1810 चॉकलेट्स को बोरी मे भरकर अपने घर ले गया | गुप्त सूत्रो से पता चला है की मोंटी की कई महिला मित्र है और घातक तौर पर फ़्रेंड जोन मे पड़े होने के कारण मोंटी इन सभी चॉकलेट्स को आराम से निपटा सकता है|