अब से नहीं मिलेंगे डा० आनंद रंगनाथन को 30 सेकंड, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

नई दिल्ली. डा० आनंद रंगनाथन को आप सबने किसी न्यूज़ चैनल पर विरोधी पैनलिस्ट की बखिया उधेड़ते हुए अक्सर देखा होगा। अपनी फर्राटेदार अंग्रेजी और जबरदस्त तार्किक क्षमता के साथ वो कुछ मिनटों में ही काफी कुछ कह जाते है और डिबेट में उनका समय ख़तम होने के बाद बस बिखरी हुई इज्जतें और धूल का गुबार ही बचता है।

ऐसे में डिबेट में हारते हुए पैनलिस्ट्स ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। कुछ दिनों पहले एक डिबेट में बेइज्जत होने के बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए कहा है कि “डिबेट के दौरान डा० रंगनाथन, भारतीय गणतंत्र के संविधान के द्वारा दिए गए मूल अधिकारों का हनन करते है। वो भी रोज। संविधान हर भारतीय को मानवीय गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार देता है। लेकिन डा० रंगनाथन हर डिबेट में मेरी घनी बेइज्जती के कर के मेरा ये अधिकार छीन लेते है। ऊपर से तीस सेकंड ज्यादा मांग कर बची खुची इज्जत का भी कबाड़ा कर देते है। रोज डिबेट के बाद घर आने पर बीबी चिढ़ाते हुए कहती है- “करवा आये बेइज्जती ? तुमसे ना हो पायेगा “। और तो और, बच्चे भी रिस्पेक्ट नहीं दे रहे। मी लार्ड आप ही कुछ करो!

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की तुरंत सुनवाई करते हुए पांच जजों की एक खंडपीठ बैठा दी। जजों ने इस बारे में पुराने डिबेट के वीडियो देखने के बाद डा० आनंद रंगनाथन को इसका दोषी माना है और अपने फैसले में कहा है कि- “हम एक स्वतंत्र राष्ट्र में ये अन्याय नहीं देख सकते ,ये सारी डिबेट्स एकतरफा और ह्रदय विदारक है, लेकिन हमें आर्टिकल 21 (गरिमापूर्ण जीवन जीने के अधिकार) और आर्टिकल 19 (अभिव्यक्ति की आजादी) के बीच एक संतुलन बनाना होगा। वरना हम संविधान और कानून के तौर पर तो जीत जायेंगे पर एक समाज के तौर पर हार जायेंगे। इसलिए हम सर्व सम्मति से डा० रंगनाथन के अतिरिक्त तीस सेकण्ड्स मांगने को असंवैधानिक घोषित करते है और अगर अब उन्होंने तीस या उससे ज्यादा सेकंड मांगे तो ये कोर्ट की अवमानना का मामला होगा। इस विषय पर हम सभी न्यूज़ चैनलों को भी नोटिस जारी करेंगे।

जब हमारे हिंदी संवाददाता ने इस विषय में डा० रंगनाथन से फोन पर बात करनी चाही तो उन्होंने फर्राटेदार अंग्रेजी में संविधान और अधिकारों पर कुछ लम्बा सा भाषण दिया कर आखिरी में “प्लीज गिव मी थर्टी सेकण्ड्स” बोला, जिसे सुनकर हमारे रिपोर्टर ने कोर्ट की अवमानना के डर से तुरंत फोन काट दिया और “मीलॉर्ड हमने कुछ नहीं सुना!” मंत्र का जाप करने लगा ।

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